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मंगलवार, 17 जुलाई 2018

हथेली से फलित का तरीका

हथेली से फलित का तरीका

      आज मैं सभी मित्रों को हाथ को कैसे फलित करते है उसके तरीके के बारे मे बात करूंगा और जो कुछ वहम चल रहे है हस्तरेखा की दुनिया में उसकी तरफ से आपका ध्यान हटाने की कोशिश करूंगा।

      अकसर हथेली को फलित करने के लिए लोगों रेखाओं पे ज्यादा जोर देते है जबकि रेखाओं की उतनी भूमिका नहीं रहती जितना उस पे जोर दिया जाता है हाँ समय समय पे प्रकट हुई सहायक रेखाओं को और टूटी हुई रेखाओं को ध्यान में रखना जरूरी है।

      हाथों को फलित करने के लिए मैंने एक पद्धति बनाई है और उस पद्धति से फलित बहुत सही और सटीक हुआ है और उस पद्धति को आप लोगों को समझाने के लिए उदाहरण के साथ नियमबद्ध किया है जो आपके सामने प्रस्तुत करता हूँ।

      हाथों को फलित करने के लिए इन 9 बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

      हाथों का आकार - जलवायु

हाथों का नरमी/सख्ती और रंग - खेत/मिट्टी

अंगुलियाँ और अंगुलियों की छाप- बीज

पोर और नाखून – पानी

अंगुलियों के झुकाव और अंगुलियों के बीच की जगह - पानी

पर्वत - खाद

रेखाये - खाद

शुभ निशान - अच्छे जीवाणु

अशुभ निशान - बुरे जीवाणु

      सबसे पहले हाथ का आकार को देखना और समझना जरूरी है और हाथ का आकार जलवायु की तरह काम करता है जिस तरह अच्छी फसल के लिए जैसे अच्छी जलवायु का होना बहुत जरूरी है उसी तरह हाथो का आकार काम करता है और हाथ को देखने के साथ ही सबसे पहले सिर्फ और सिर्फ आकार को समझना चाहिए क्योंकि आकार जातक की प्रकृति के हिसाब से काम करता है।

      उसके बाद हथेली का नर्म या सख्त और रंग को देखना और समझना जरूरी है और हथेली का रंग और हथेली का नर्म या सख्त खेत और खेत की मिट्टी की तरह काम करता है, जैसे जलवायु अच्छा है लेकिन खेत और खेत की मिट्टी सही नहीं है तो भी अच्छी फसल नहीं हो सकती है इसलिए हाथो के रंग और उसकी नरमी और सख्ती को समझना बहुत जरूरी है।

      उसके बाद हाथो की अंगुलियों को देखना और समझना जरूरी है क्योंकि अंगुलियों बीज की तरह काम करता है और अच्छे बीज से ही अच्छी फसल होगी लेकिन  जब जलवायु और मिट्टी अच्छी और अनुकूल होगी, नहीं तो जितनी मर्जी पड़े उतनी मेहनत करले बीज अंकुरित हो सकता है फसल भी आये लेकिन नहीं के बराबर उसी तरह से अंगुलियों का, हथेली के आकार के बाद सबसे ज्यादा महत्व है इसलिये इन्हें समझना बहुत जरूरी है, अंगुलियाँ जातक की प्रकृति में जातक के सोच विचार और काम करने के तरीके की प्रभावित करती है इसलिए अंगुलियाँ, आकार के बाद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

      उसके बाद अंगुलियों के पोरो, नाखून, अंगुलियों का झुकाव और अंगुलियों के बीच मे रहने वाली खाली जगह को देखना और समझना जरूरी है क्योंकि अंगुलियों के पोर, नाखून, अंगुलियों के झुकाव और अंगुलियों के बीच की जगह पानी की तरह काम करते है जैसे बिना पानी के कोई भी बीज अंकुरित नहीं हो सकता वैसे ही बिना पोरो, नाखूनो, अंगुलियों के झुकाव और अंगुलियों के बीच की जगह को समझे बिना हस्तरेखा फलित करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

      अब नम्बर आता है पर्वतों और रेखाओं का और इन्हें देखना और समझना भी बहुत जरूरी है हाथो के पर्वत और रेखाये खाद की तरह काम करते है जैसे अच्छी खाद अच्छी फसल के लिए जरूरी है वैसे ही पर्वतों और रेखाओं के अच्छा होना अच्छे परिणाम के लिए बहुत जरूरी है।

      सबसे अंत में नम्बर आता है शुभ और अशुभ निशानों का और इन्हें देखना और समझना भी बहुत जरूरी है नहीं तो ये निशान परिणाम को कम ज्यादा भी कर सकते है और ये निशान उसी तरह काम करते है जैसे अच्छे जीवाणु और बुरे जीवाणु, अच्छे जीवाणु फसल के लिए लाभदायक है और बुरे जीवाणु फसल के लिए हानिकारक है इसलिए अच्छे और बुरे निशानों को अच्छी तरह देख कर और सोच समझ कर फलित करना चाहिए।

     जब आप प्रेक्टिस करेंगे तो आपको ऐसे बहुत से उदाहरण मिलेंगे जिनके हाथो की रेखाओं और पर्वतों में कुछ भी खास नहीं है लेकिन वो जातक अपने रेखाओं और पर्वतों के उलट बहुत तरक्की कर रहा है इसलिए पहले से ही आप सबसे पहले आकार को सबसे पहले समझने और इस पद्धति से हाथ को समझने का प्रयास करें।

      इसको और भी आसानी से समझने के लिए हाथो के तीन भाग में बांट कर समझना और उसे फलित करना ज्यादा आसान है पहला भाग हथेली का आकार और दूसरा भाग अंगुलियाँ और तीसरा भाग बाकी बची पूरी हथेली और इन दोनों भागो को अलग अलग समझ कर  फिर उसे एक करने की कोशिश करें और उसके बाद फलित करें।

पहला भाग - हथेली का आकार

दूसरा भाग – अंगुलियाँ

तीसरा भाग – बाकी बची पूरी हथेली

      हथेली के आकार को समझने के बाद हाथो की दूसरी बाते किस तरह हथेली के परिणाम को प्रभावित करती है उसे  नीचे कुछ प्रतिशत के साथ समझाने की कोशिश की है

       हाथों का आकार – 100%

हाथों का रंग और नरमी/सख्ती – 10%

अंगुलियाँ और अंगुलियों की छाप- 23%

पोर, नाखून,अंगुलियों के झुकाव और अंगुलियों के बीच की खाली जगह – 7%

पर्वत – 10%

रेखाये – 10%

शुभ निशान – 5%

अशुभ निशान – 5%

      जैसे – किसी जातक की हथेली 62% वायु तत्व प्रथम की है उसकी अनामिका अंगुली सबसे बड़ी है तो जातक को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नोकरी मिलने की संभावना रहती है।

      आकार जातक की प्रकृति को समझाने में मदद करता है और बाकी पूरे हाथ की सभी बातें जातक के हाव – भाव, विचार और काम करने के तरीके को प्रदर्शित करते है इसलिए सबसे पहले आकार को बहुत सटीकता से समझना जरूरी है उसके बाद अंगुलियाँ और उसके बाद पूरे हाथ की अलग अलग बातों को समझना जरूरी है।

    जैसे लगभग 90% हाथो में जीवन रेखा गुरु पर्वत के नीचे मंगल पर्वत से शुरू हो कर शुक्र पर्वत पे खत्म होती है, हर्दय रेखा, बुध पर्वत के जड़ से चालू हो कर शनि और गुरु के मध्य खत्म होती है ऐसे ही लगभग सभी रेखाये अपने स्थान पे ही मौजूद होती है तो क्या सभी जातको का जीवन एक जैसा होगा, नही फिर भी सभी के जीवन सब कुछ अलग अलग ही चल रहा है तो ये सब हाथो के आकार, अंगुलियों और दूसरी बातो को गौर करने से समझ आता है।

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